आईटीआई चौड़ा मैदान में सोटो का जागरूकता शिविर आयोजित

शिमला के चौड़ा मैदान स्थित आईटीआई में मंगलवार को स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से अंगदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस दौरान आईजीएमसी की मेट्रन हरिप्रिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर होना जरूरी नहीं है बल्कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है। किसी व्‍यक्ति की ब्रेन डेथ की पुष्टि होने के बाद, डॉक्‍टर उसके घरवालों की इच्छा से शरीर से अंग निकाल पाते हैं। इससे पहले सभी कानूनी प्रकियाएं पूरी की जाती हैं। इस प्रक्रिया को एक निश्‍चित समय के भीतर पूरा करना होता है। ज्‍यादा समय होने पर अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। देश में प्रतिदिन प्रत्येक 17 मिनट में एक मरीज ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए जिंदगी से हाथ धो बैठता है।
एक व्यक्ति जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष को स्वैच्छिक रूप से अपने करीबी रिश्तेदारों को देश के कानून व नियमों के दायरे में रहकर अंगदान कर सकता है । अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का अवसर देता है। अंगदान के संबंधित सही जानकारी व भ्रम होने की वजह से अधिकतर लोग अंगदान करने से पीछे हट जाते हैं। इसीलिए अगर लोगों में पहले से अंगदान को लेकर पर्याप्त जानकारी होगी तभी ऐसे मौके जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। उन्होंने छात्रों को अंगदान के साथ नेत्रदान की महत्वता भी बताई। उन्होंने कहा कि
मरने के बाद व्यक्ति 6 घंटे तक नेत्रदान कर सकता है चाहे पहले उसने नेत्रदान का शपथ पत्र ना भरा हो। नेत्रदान की प्रक्रिया में केवल 10 से 15 मिनट ही लगते हैं और शरीर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाई जाती। नेत्र निकाले गए स्थान पर आर्टिफिशियल नेत्र लगा दिए जाते हैं ताकि वह भाग भद्दा ना दिखाई दे।

कॉलेज प्रधानाचार्य जोगिंदर शर्मा ने सोटो की टीम का आभार व्यक्त किया और कहा कि समाज में अंगदान के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए युवा वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि अपने परिवार जनों व संबंधियों के साथ अंगदान के बारे में मिली जानकारी साझा करें ताकि लोग इस बारे में अधिक से अधिक जागरूक हो सके। कार्यक्रम में आईटीआई के वाइस प्रिंसिपल राजेश मेहता, इंस्ट्रक्टर हर्षिता पंडित, इंस्ट्रक्टर तारा देव, इंस्ट्रक्टर रोहित, इंस्ट्रक्टर रविंद्र कुमार सहित सोटो के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार और प्रोग्राम असिस्टेंट भारती कश्यप मौजूद रही ।

 

क्या वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला सही है?