क्षय रोगियों को अपनाने का आह्वान किया
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज राजभवन में प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राज्यपाल ने ‘निःक्षय मित्र योजना’ के अंतर्गत शिक्षा संकायों को क्षय रोगियों को अपनाने और विद्यार्थियों को इस दिशा में जागरूक व प्रेरित करने पर विशेष बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में क्षय रोगियों की संख्या बहुत कम है और विश्वविद्यालय जिला स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ समन्वय स्थापित कर इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करके अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होने के नाते विश्वविद्यालय शिक्षा की दशा और दिशा तय करते हैं और उनके कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। प्रदेश मंे शिक्षा क्षेत्र को अग्रणी बनाना हम सभी का सामूहिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि कुलपति विषय-विशेषज्ञ होते हैं और भविष्य की नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
श्री आर्लेकर ने कहा कि विश्वविद्यालयों के परीक्षा परिणाम निर्धारित समय में घोषित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ऑनलाइन मूल्यांकन पद्धति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में औषधीय पौधे लगाए जाने चाहिए और सभी विद्यार्थियों को इनके मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों को मिलकर नॉन क्रेडिट कोर्स तैयार कर इसे अन्य विश्वविद्यालयों के साथ साझा करना चाहिए ताकि विद्यार्थियों के माध्यम से हर घर में औषधीय पौधे पहुंच सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से मातृभाषा में शिक्षा का विस्तार किया जा रहा है। विशेष रूप से तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को इस दायरे में लाने पर विचार किया जाना चाहिए।

