
अर्की, ब्यूरो
डिजीटलाईजेशन के इस दौर में जहां आजकल जहां संदेशों को भेजना अति सरल हो गया है वहीं इस क्रान्ति ने साईबर अपराधों और आॅनलाईन ठगी को भी बढ़ावा दिया है। आए दिन हम रिर्चाज के नाम पर , लक्की ड्रा, या एटीएम
कार्ड ब्लाॅक करने के माध्यम से लूट के मामले सामने आते रहते है।
एैसा ही एक मामला अभी कुछ दिनों पूर्व अर्की में सामने आया है। यहां वार्ड नं 1 में फनीर्चर कारोबारी राकेश कुमार को उनके जियो नंबर पर एक अज्ञात नंबर से काॅल आया
कि आपके नंबर का चयन लक्की ड्रा के लिए किया गया है और आप अपना डाक पता लिखवाएं। इसके बाद सिकिक्म की इस आयु-आर्युर्वेदा गु्रप के नाम से रजिस्टर कंपनी
ने व्यवसायी को स्क्रैच कूपन भेज दिया, जिसमें की उसे स्वीफट डिजायर कार ईनाम के तौर पर निकली। इसके उपरान्त इसी कंपनी के प्रतिनिधि ने एक नए नंबर से काॅल किया
और बताया कि आपको इस का की डिलवरी प्राप्त करने के लिए करीब 50,000 रूपए की राशी टैक्स के तौर पर कंपनी के खाते में जमा करवानी होगी, इसके बाद कंपनी कार को आप तक पहुंचा देगी।
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1998 से सरकार के अलावा कोई भी संस्था लाॅटरी नहीं खेल सकती बावजूद इसके ठगों द्वारा पैसे एैंठने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना अजीब है। आज आवश्यक्ता है
तो सभी मोबाईल धारकों को एैसी ठगी से बचने की।
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