
पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहिए ताकि वे अपने क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि यह लोकतंत्र की आधारभूत इकाई हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को कई शक्तियां प्रदान की हैं।
जय राम ठाकुर ने संघ के सदस्यों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
संघ के अध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पंचायती राज संस्थाओं के लिए राज्य वित्त आयोग से अलग से बजट प्रावधान करने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के लिए ऐच्छिक निधि का प्रावधान करने और विधायक प्राथमिकताओं की तर्ज पर जिला परिषद की प्राथमिकताओं का प्रावधान करने का भी आग्रह किया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, अध्यक्ष वूलफेड त्रिलोक कपूर इस अवसर पर अन्य व्यक्तियों सहित उपस्थित थे।
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